विफलताएँ हों जब खौफनाक निराशा हो याद रखें विफलताएँ हों जब खौफनाक निराशा हो याद रखें
डूबते सूरज की रोशनी मेंं कही उम्मीद बाकी है मेंरी की कश्ती बस मिलन को है अपने साहिल स डूबते सूरज की रोशनी मेंं कही उम्मीद बाकी है मेंरी की कश्ती बस मिलन को है अपन...
यह ज़िन्दगी यह ज़िन्दगी
कोई भूलता ही नहीं और किसी को याद ही नहीं आती ! कोई भूलता ही नहीं और किसी को याद ही नहीं आती !
आज बाबू जी को खीर खाने का मन था, लेकिन दूध का इंतजाम हो न पाया। माँ की भी साड़ी थी, आज बाबू जी को खीर खाने का मन था, लेकिन दूध का इंतजाम हो न पाया। माँ ...
यह जो समय यह जो समय